मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर द्वारा 02 फ़रवरी 2020 को
मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित किए जाने
वाले जनाधिकार अधिवेशन को सफ़ल बनाने हेतु एम पी जे कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन
हेतु 03 नवम्बर 2019 को नागपुर में ज़िला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस
कार्यशाला में उपस्थित कार्यकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा, शिक्षा के अधिकार, आरोग्य
और असंगठित मजदूरों के अधिकारों पर एम पी जे के प्रदेश सचिव श्री अल्ताफ हुसैन, डॉ. तसनीम बानो और संगठन के एग्जीक्यूटिव काउंसिल मेम्बर श्री
हुसैन खान द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया.
एम पी जे मुंबई की बांद्रा यूनिट ने विजयी मेलावा का आयोजन किया
15:55
Hindi
मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर मुंबई की बांद्रा
यूनिट द्वारा 31 अगस्त 2019 को विजयी मेलावा का आयोजन किया गया. दरअसल एम पी जे की
बांद्रा यूनिट के सफ़ल मार्गदर्शन की वजह से बांद्रा के कई परिवारों को पीडीएस के
माध्यम से राशन मिलना शुरू हो गया है. कई ऐसे राशनकार्ड धारक हैं, जिन्हें अभी भी
राशन नहीं मिल रहा है. एम पी जे ने जिन परिवारों को राशन मिलना शुरू हो गया है,
उनके अभिनन्दन तथा राशनकार्ड होने के बावजूद राशन से वंचित परिवार को मार्गदर्शन
प्रदान करने हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में लाभान्वित
परिवार के अलावा अनेक सामाजिक कार्यकर्त्ता भी उपस्थित थे.
इमारत बांधकाम मज़दूर मार्गदर्शन सभा का अचलपुर में सफ़ल आयोजन
13:08
मज़दूर
देश के कोने कोने में आसमान छूती गगनचुंबी इमारतें उन्नति, विकास और
ख़ुशहाली की कहानी बयान करती हैं. लेकिन इस उन्नति, विकास और ख़ुशहाली की कहानी के पीछे एक और दर्दनाक
कहानी छुपी है. दरअसल जो मज़दूर दिन-रात खून पसीना बहा कर इन इमारतों की तामीर करता
है, उसी मज़दूर
को सिर छुपाने की जगह नहीं होती है. अक्सर बांधकाम मज़दूर बेघर होते हैं.
उनके बच्चों
को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती और न ही उनकी पहुँच बेहतर आरोग्य सेवा तक होती है. एक मज़दूर
का बच्चा मज़दूर ही रह जाता है. हालंकि भवन निर्माण व अन्य बांधकाम मज़दूरों के कल्याण
के लिए देश में क़ानून है और महाराष्ट्र सरकार के पास बांधकाम मज़दूर कल्याण फण्ड में
अरबों रुपया मौजूद है.
मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर (एम पी जे) इन मज़दूरों
को न्याय दिलाने के लिए सतत प्रयत्नशील है और अब तक प्रदेश में हज़ारों मज़दूरों का मज़दूर
कल्याण बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवा कर उन्हें करोड़ों रूपए का लाभ दिलवा चुकी है. एमपीजे
की अमरावती ज़िला इकाई द्वारा बांधकाम मज़दूरों
के ख़ुद के घर निर्माण हेतु बांधकाम मज़दूर कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ के
सम्बन्ध में आज एक बांधकाम मज़दूर सभा का अचलपुर में आयोजन किया गया, जिसमें ज़िले
के बहुत सारे मज़दूर शामिल हो कर लाभान्वित हुए.
MPJ Information Centre, Mumbai को मिली एक बड़ी कामयाबी
20:34
success story
एम पी जे इनफार्मेशन सेंटर मुंबई ने सऊदी अरब में एक
दुर्घटना में मारे गए भारतीय नागरिक अंसार अहमद के परिवार को जेद्दा स्थित इंडियन
कांसुलेट की मदद से केस लड़ कर लगभग 42 लाख रुपये का मुआवज़ा दिलवाया. दरअसल अंसार अहमद भारतीय
कामगार को वर्ष 2014 में एक सऊदी नागरिक ने नशे की हालत में ड्राइव करते हुए कुचल
डाला और उसकी मौत हो गई. दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की ग़रीबी में जिंदगी बसर कर
रही विधवा उम्मातुन्निसा को सऊदी अरब से किसी प्रकार का कंपनसेशन नहीं मिला.
पीड़ित
का परिवार शिक्षित नहीं होने की वजह से कुछ भी करने की स्थिति में नहीं था. किसी
ने उम्मातुन्निसा को कुर्ला स्थित एमपीजे सेंटर के बारे में बताया और उस महिला ने शब्बीर
देशमुख, मुंबई ज़िला अध्यक्ष एमपीजे से संपर्क किया. उसके बाद एमपीजे की मुंबई इकाई
ने सऊदी कंसलेट के माध्यम से सऊदी सरकार के विरुद्ध कंपनसेशन क्लेम दायर किया.
श्री शब्बीर देशमुख लगातार केस संख्या JED/CW/436/337/2014 का फॉलो अप करते रहे और
अंततः एमपीजे की कोशिश रंग लाई और श्री सचिन्द्र नाथ ठाकुर वाईस कौंसल ने एमपीजे मुंबई
ज़िला अध्यक्ष श्री शब्बीर देशमुख को एक ईमेल के द्वारा सूचित किया है कि पीड़ित
परिवार को 42 लाख रुपये
का मुआवज़ा स्वीकार हो गया है.
कॉर्पोरेट ऋण माफ करने के बजाए लोकहित के मदों पर खर्च किया जाए, तो देश की अधिकांश समस्याएं समाप्त हो जाएँगी: नीरज जैन
21:30
Society
मुंबई: मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर ने आज यहां "वर्तमान
परिस्थितियों में सामाजिक सक्रियता की गुंज़ाइश" पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम
आयोजित किया. इस अवसर पर एमपीजे के प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद सिराज
ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि लोग केंद्र में सत्ता परिवर्तन की उम्मीद कर रहे थे,
लेकिन चुनाव परिणाम हमारे सामने हैं. भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत से चुनाव जीत कर
सत्ता पर अपना क़ब्ज़ा बरक़रार रखा है. यह देश की जनता का निर्णय है. आरोप-प्रत्यारोप
और दोषारोपण व्यर्थ ही नहीं, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ है. क्योंकि
लोकतंत्र में जनमत ही सर्वोपरी होता है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए.
उन्हों ने कहा कि, यह सच है कि इस लोकसभा चुनाव में जनता के वास्तविक मुद्दों को
दरकिनार करते हुए छद्म राष्ट्रवाद और देशभक्ति को मुद्दा बनाया गया, जो हमारे
वास्तविक मुद्दे हैं ही नहीं. आज देश की जनता के सामने अनेक समस्याएं विकराल रूप धारण
किये खड़ी हैं, जिसका
हल हमें ढूँढना है. किन्तु हमें हताश और
निराश होने की ज़रुरत नहीं है. हमें जनता के बीच जाना होगा और उनके वास्तविक मुद्दों
पर बात करनी होगी. सरकार को यह याद दिलाना होगा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को गरिमामय
जीवन जीने की गारंटी देता है.
सभा को संबोधित करते हुए जनता साप्ताहिक के एसोसिएट एडिटर तथा लोकायत नामी ग़ैर
सरकारी संगठन के संयोजक नीरज जैन ने दुनिया में बढ़ते हुए फ़ासीवाद के कारणों पर प्रकाश
डाला. उन्होंने कहा कि देश में फ़ासीवाद बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. देश के संविधान पर
ख़तरा मंडरा रहा है. देश के सामने आर्थिक संकट एक बड़ी चुनौती बन कर उभरी है. सत्ता का
सुख भोग रहे लोग राष्ट्र हित एवं जनहित की परवाह किए बग़ैर पूंजीपतियों को फ़ायेदा
पहुँचाने में लगे हैं. पूंजीपति वर्ग को अपने फ़ायेदे के लिए देश के बैंकों के पैसों
से लेकर प्राकृतिक संसाधनों तक का इस्तेमाल करने की खुली छूट है. इतना ही नहीं,
मुल्क के पूंजीपतियों ने जो हमारी अर्थव्यवस्था को चुना लगाया है, उसकी भरपाई भी
हम विदेशी क़र्ज़ों से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जितना पैसा हम कॉर्पोरेट ऋण को माफ
करने के लिए ख़र्च कर रहे हैं, अगर उसे लोकहित के मदों पर खर्च किया जाता,
तो देश की अधिकांश समस्याएं समाप्त हो सकती थी. उन्होंने कहा
मोदी सरकार स्वतंत्र भारत में सबसे अधिक किसान विरोधी सरकार साबित हुई है. भाजपा की
नीतियों के कारण देश में बेरोज़गारी बहुत गंभीर समस्या बन गई है.
पूर्व बीबीसी संपादक और पूर्व टीवी टुडे के प्रबंध संपादक रिफ़त जावेद ने कहा
कि, आज देश में भ्रष्टाचार, भूख, बीमारी और बेरोज़गारी जैसी अनेक समस्याएं हैं,
जिसने आम आदमी की ज़िन्दगी को नारकीय बना दिया है. आज देश में एक विशेष समुदाय के
विरुद्ध नफ़रत पैदा करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन नफ़रत का जवाब नफ़रत नहीं हो
सकता है, बल्कि नफ़रत को मुहब्बत ही ख़त्म कर सकती है. उन्हें देश में नैतिक मूल्यों
पर आधारित राजनीतिक विकल्प पेश करने और जनसमस्याओं को ख़त्म करने के लिए अपनी पहचान
के साथ आगे आना होगा.
उन्होंने कहा कि यूरोप में भूख, बीमारी और जिहालत कोई समस्या नहीं है,
लेकिन प्राकृतिक एवं मानव संसाधनों के धनी देश भारत में आज भी
ये समस्याएं गंभीर बनी हुई हैं. देश का सामाजिक बजट सिकुड़ता जा रहा है.
इस कार्यक्रम में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेश
काम्बले की भी गरिमामय उपस्थिति रही.
शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में अध्यनरत छात्रों का भविष्य अधर में
12:35
आरटीई
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क अध्ययन करने वाले हज़ारों
ग़रीब छात्रों के सामने एक संकट खड़ा हो गया है. जैसा कि हम सब जानते हैं कि नि:शुल्क
एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत वंचित और कमज़ोर वर्ग के छात्रों के लिए कक्षा 8 तक निजी स्कूलों में 25% आरक्षित सीटों पर नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान है.
सर्वविदित है कि, देश में 1 अप्रैल 2010 को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 लागू होने के बाद उक्त 25 % आरक्षित सीटों पर वंचित और कमज़ोर वर्ग के छात्रों को शैक्षणिक
सत्र 2011 में पहली बार प्रवेश दिया गया था.
इन आरक्षित सीटों पर अध्यनरत हज़ारों बच्चों ने इस वर्ष अपनी कक्षा 8 तक की शिक्षा पूरी कर ली है और निजी स्कूलों के प्रबंधन ने
आठवीं कक्षा की शिक्षा पूरी कर चुके अपने कोटे के विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा जारी
रखने के लिए आगामी सत्र से पूरी फीस का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है और
फ़ीस का भुगतान नहीं करने की स्थिति में उन्हें स्कूल छोड़ने को कहा गया है.
हम सब इस तथ्य से अवगत हैं कि, कोटे के तहत प्रवेश दिये गए बच्चों की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय
है और ये बच्चे निजी स्कूलों के फ़ीस का भुगतान नहीं कर सकते हैं. ज़ाहिर है कि,
फ़ीस का भुगतान नहीं करने की स्थिति में इन बच्चों को निजी स्कूलों
को छोड़ना होगा और निम्न मानकों के स्कूलों में वापस जाना होगा,
जो उनके लिए मनोवैज्ञानिक रूप से दर्दनाक सिद्ध होगा. ऐसा उन
ग़रीब परिवार के बच्चों के हित में नहीं होगा. उनका कैरियर बनने से पहले ही बिगड़ जायेगा.
एमपीजे ने भारत सरकार से देश के प्रत्येक बच्चे के लिए बारहवीं कक्षा तक नि:शुल्क
स्कूली शिक्षा की क़ानूनी गारंटी देने के लिए आरटीई अधिनियम में संशोधन की मांग करते
हुए प्रदेश सरकार से निवेदन करती है कि जब तक आरटीई अधिनियम में संशोधन नहीं हो जाता,
इन हज़ारों बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए निजी स्कूलों
में 25%
आरक्षित कोटे के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के लिए बारहवीं
कक्षा तक नि:शुल्क शिक्षा की प्रदानगी की वैकल्पिक व्यवस्था करने का कष्ट करे.
MPJ का लिंग-संतुलित महाराष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ महिला दिवस संपन्न
21:47
महिला सशक्तिकरण
सोलापुर: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर
पर आज यहाँ मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर (MPJ) ने महिला सशक्तिकरण के
उद्देश्य से एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में अपना
उत्कृष्ट योगदान दे रही महिलाओं ने बतौर वक्ता कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का
मार्गदर्शन किया.
MPJ द्वारा यह कार्यक्रम सोलापुर स्थित वसुंधरा
कला महाविद्यालय तथा राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया
गया था, जिसकी अध्यक्षता वसुंधरा कला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) मीना
गायकवाड़ ने किया.
इस अवसर पर महिलाओं हेतु विधि सेवा शिविर का
भी आयोजन किया गया, जिसमें ज़िला न्यायालय की जजों माननीय श्रीमती यू एल जोशी और
माननीय श्रीमती जे एम मिस्त्री ने महिलाओं के अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर
प्रकाश डाला.
इस अवसर पर नगर की प्रसिद्ध महिला रोग
विशेषज्ञ डॉ. (श्रीमती) फ़िरदौस सय्यद ने भी महिलाओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों
पर अपने विचार व्यक्त किये.
MPJ ज़िला अध्यक्ष अब्दुल खालिक़ मंसूर ने अपने
विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, हमारे लिए महिला दिवस सिर्फ़ एक दिन का जश्न नहीं है, बल्कि
एमपीजे के लिए महिला सशक्तिकरण एक अभियान है, जिसका लक्ष्य लिंग-संतुलित महाराष्ट्र का निर्माण करना है.
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