शिव भोजन थाली मांग के अनुरूप उपलब्ध कराए सरकार: एम पी जे

















 












Maharashtra COVID-19 Treatment Rates

Kisan Andolan Nahin Jan Andolan Hai

प्री-मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की राशी में वृद्धि के साथ साथ इनकम सर्टिफिकेट जमा करने की शर्त को ख़त्म करे सरकार: एम पी जे



प्री-मैट्रिक स्तर पर छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक समुदायों से माता-पिता को अपने स्कूल जाने वाले बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शुरू किया गया था. इस योजना का मक़सद स्कूल शिक्षा पर ग़रीब माता-पिता के वित्तीय बोझ को हल्का करने और स्कूल ड्राप आउट की दर को कम करना था और शिक्षा के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों का सशक्तिकरण कर के उनके सामाजिक आर्थिक स्थितियों में परिवर्तन लाना था. किन्तु ये योजना भी प्रथम दिन से ही लालफीताशाही का शिकार रही है.

 

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान शुरू से ही विवादित रहा है. महाराष्ट्र सरकार को केंद्र सरकार से छात्रवृत्ति निधि प्राप्त होने के बावजूद वर्षों तक बच्चों को छात्रवृत्ति के पैसे नहीं दिए गए थे. एमपीजे ने इसके लिए सड़क से लेकर अदालत तक एक सफल लड़ाई लड़ी है. एमपीजे के ही न्यायिक हस्तक्षेप के बाद राज्य में इस योजना के तहत पहली बार बच्चों को छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान किया गया था. मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर (एमपीजे ) शुरू से ही स्कालरशिप की लड़ाई लड़ती आई है.


गौर तलब है कि, महाराष्ट्र में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (2020-21) के लिए लाखों नए और नवीकरण आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत किए गए हैं. हमेशा की तरह इस बार भी, संबंधित स्कूलों और शिक्षा कार्यालयों ने राज्य नोडल अधिकारी को सत्यापित आवेदन पत्र अग्रेषित किए थे.

 

किन्तु, ज्ञात हुआ है कि, महाराष्ट्र राज्य के नोडल अधिकारी ने अपने पत्र दिनांक 18 और 21 जनवरी 2021 के संदर्भ में सभी नए और नवीकरण आवेदन वापस कर दिए हैं, और सक्षम प्राधिकारी से आय प्रमाण पत्र के प्रमाण की मांग करते हुए सभी आवेदनों को फिर से सत्यापित करने का निर्देश दिया है. गौर तलब है कि, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आय प्रमाण के रूप में स्व घोषणा/शपथ पत्र को आय प्रमाण के रूप में माना जाता है, किन्तु अल्पसंख्यक के मामले में सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्र को फिर से सत्यापित करने का आदेश दिया गया है, जो समझ से परे है.

एम पी जे ने महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधान मंत्री को ज्ञापन सौंप कर इनकम सर्टिफिकेट जमा करने की शर्त को ख़त्म करने और स्व घोषणा / शपथ पत्र को आय प्रमाण के रूप में मानने का अनुरोध किया है. इसके अलावा प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक स्कालरशिप की राशि को बढ़ाने का भी अनुरोध किया है.    










आरोग्य मंत्री महाराष्ट्र श्री राजेश टोपे ने एम पी जे के कामों को सराहा



एम पी जे महाराष्ट्र के शिष्ट मंडल के साथ स्वास्थ्य के मुद्दे पर बात-चीत करते हुए , श्री राजेश टोपे, माननीय स्वास्थ्य मंत्री, महाराष्ट्र ने एम पी जे के कामों को सराहते हुए कहा कि मैं पहले से इस संगठन को जानता हूँ, जो फ़ूड, एजुकेशन और हेल्थ पर बहुत अच्छा काम कर रही है. मंत्री महोदय ने हाल ही में संपन्न हुए स्वास्थ्य कैंपेन की प्रशंसा करते हुए कहा कि एम पी जे ने प्रदेश में पब्लिक हेल्थ सिस्टम का जो सर्वे किया है, वह डाटा मैं देखना चाहूँगा.      


एमपीजे ने आरोग्य मंत्री से मुलाक़ात कर के प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने का किया अनुरोध

 


एमपीजे के एक शिष्ट मंडल ने दिनांक 18 दिसम्बर 2020 को महाराष्ट्र के आरोग्य मंत्री मा. श्री राजेश टोपे जी से जालना में मुलाक़ात कर के उन्हें राज्य की लचर सार्वजानिक स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने का आग्रह किया. दरअसल मंत्री महोदय से ये मुलाक़ात हाल ही में एम पी जे द्वारा राज्यव्यापी स्तर पर प्राइमरी हेल्थ सेंटर से लेकर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का सर्वे किया गया. जिसके नतीजे बड़े ही निराशाजनक रहे.

 

गौर तलब है कि, Covid-19 के दौरान पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूटशंस की  दयनीय हालत की वजह से आम जन को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा और निजी अस्पतालों ने  Covid-19 के इलाज के लिए लोगों से मनमाना पैसा वसूल किया. उस के बाद संगठन ने राज्य के पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूटशंस में उपलब्ध सुविधाओं की वास्तविक स्थिति जानने के लिए एक अभियान चलाया, जिसके तहत ये सर्वे किए गए. इस सर्वे में कई अस्पतालों में आई पी एच एस द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप दर्जेदार हेल्थ केयर सुविधा उपलब्ध नहीं होने की बात सामने आई. श्री अज़ीम पाशा, एम पी जे प्रदेश सचिव के नेतृत्व में इस शिष्ट मंडल ने मंत्री महोदय से मुलाक़ात की जिसमें  श्री हुसैन खान, श्री अल्ताफ हुसैन, श्री ग्यासुद्दीन सय्यद और श्री मुहम्मद समीम आदि शामिल थे.

एमपीजे ने महाराष्ट्र सरकार से अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण पर ध्यान देने की लगाई गुहार

 



एमपीजे ने 18 दिसम्बर 2020 को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर प्रदेश के जलगाँव, नांदेड़ और लातूर ज़िलों में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक मेमोरेंडम सौंप कर महारष्ट्र में अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए बनी योजनाओं पर अमलबजावणी का अनुरोध किया. बता दें कि मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जीवन के हर क्षेत्र में पीछे हैं. मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन का ख़ुलासा विभिन्न सरकारी समितियों और आयोगों की रिपोर्ट से हुआ है. किन्तु उन समितियों और आयोगों के मुस्लिम समुदाय को पिछड़ेपन के दलदल से निकालने के लिए की गई सिफारिशें आज तक लागू नहीं हो सकी हैं. जिसकी वजह से मुस्लिम समुदाय और पिछड़ गया है.


इसलिए एमपीजे ने सरकार से अविलम्ब मुस्लिम समुदाय के कल्याणार्थ बनी समस्त योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक क़दम उठाने की मांग की है.  एमपीजे ने प्रधानमंत्री १५ सूत्री कार्यक्रम और मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम के कार्यान्वयन की समीक्षा किये जाने और इस के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की मांग की है. 










© Copyright 2015. MPJ, Maharashtra. This Blog is Designed, Customised and Maintained by Zinfomedia, the media arm of Brightworks Enterprises: Theme by Way2themes