यूँ तो मूवमेंट फॉर पीस एंड जस्टिस (एम.पी.जे.)
किसी परिचय का मोहताज नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र में पिछले दस सालों से निरंतर यह लोगों की आवाज़ बन
कर जनसरोकार के मुद्दों पर अपनी प्रभावी मौजूदगी का एहसास कराता रहा है! किन्तु हम
आप के सामने एम.पी.जे. का एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करना ज़रूरी समझते हैं! भले ही जनता की नज़र में मूवमेंट
फॉर पीस एंड जस्टिस (एम.पी.जे.) एक ग़ैर सरकारी संगठन हो, जो समाज के विभिन्न
ज्वलंत मुद्दों पर, जन हित में अपनी आवाज़ बुलंद करता आया है, किन्तु हम समझते हैं
की मूवमेंट फॉर पीस एंड जस्टिस (एम.पी.जे.), किसी संगठन का नाम नहीं है,
बल्कि, यह एक विचारधारा है जो जन आन्दोलन का रूप ले चूका है! यह वह आन्दोलन बन गया
है जो देश के हर वंचित वर्ग को न्याय तथा सम्मानपूर्ण जीवन जीने के उसके प्राकृतिक
अधिकार को हासिल करने में अपनी भूमिका निभाने की कोशिश करता है तथा हम चाहते हैं
कि, भविष्य में भी सामाजिक न्याय एवं आम जन के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने
के सिविल सोसाइटी के प्रयासों में एम.पी.जे. की सक्रिय भागीदारी बनी रहे!
हमने 27 मार्च 2005 को औपचारिक रूप से
मुंबई से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक कठिन सफ़र की शुरुआत की थी! तब हम ने
राज्य भर से 100 लोगों को अपने साथ जोड़ कर सामाजिक एवं आर्थिक समानता एवं न्याय की
प्राप्ति जैसे पवित्र कार्य करने का संकल्प किया था! कुछ ही दिनों में हम ने राज्य
के कई इलाकों में कार्य करना शुरू कर दिया था! हम गुज़रे दस सालों के दरम्यान राज्य
के तक़रीबन 25 ज़िलों के 125 तालुकाओं में हम अपने कार्यों का निष्पादन सक्रीय तौर
पर कर पाने में सक्षम हो पाए हैं!
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