लॉकडाउन के दौरान संसाधन विहीन लोगों को होने वाली परेशानियों को दूर करने हेतु सरकार उचित क़दम उठाए






देश में कोरोना वायरस नामी प्राकृतिक आपदा की वजह से संपूर्ण लॉकडाउन है, जिसके कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लोग घरों में क़ैद हो गए हैं. हमारे यहाँ तक़रीबन 94% लोग असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं और इनमें अधिकांश रोज़ कमाने खाने वाले लोग हैं. प्रदेश में बड़ी तादाद में अप्रवासी कामगार भी रहते हैं. लॉकडाउन की वजह से न केवल निजी और असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लोगों की आमदनी बन्द हो गई है, बल्कि होटल, रेस्टोरेंट और समस्त खाने के काउंटर्स बंद होने के कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.  इसके अलावा आंगनवाड़ी, बालवाड़ी, स्कूल आदि बन्द होने के कारण ग़रीब और वंचित वर्ग के बच्चों को मिड डे मील  के तहत मिलने वाले एक वक़्त के भोजन की सुविधा भी छिन गई है.

एम पी जे ने प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान लोगों को होने वाली परेशानियों के मददे नज़र मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर निम्नलिखित मांगे रखी हैं:

1.     तमाम राशनकार्ड धारकों, चाहे किसी भी केटेगरी का कार्डधारक हो, दो महीने का राशन मुफ़्त मिलना चाहिए.
2.    तमाम रजिस्टर्ड बांधकाम मजदूरों के खाते में कम से कम 5000/- (पांच हज़ार रूपए) उनके वेलफेयर फण्ड से जमा होना चाहिए.
3.    प्रदेश सरकार द्वारा तमाम अनरजिस्टर्ड बांधकाम मज़दूरों तथा अन्य असंगठित क्षेत्र कामगारों को मिनिमम वेजेज़ एक्ट के अनुसार दो महीने की पगार अविलम्ब दिया जाना चाहिए.
4.    समस्त सामाजिक पेंशन लाभार्थियों के खाते में दो महीनों का पेंशन जमा होना चाहिए.
5.    प्रदेश में जगह जगह शिव थाली का प्रबंध किया जाना चाहिए.
6.    सरकार द्वारा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था कर के प्रभावित लोगों को अविलम्ब राहत पहुँचाने का काम करना चाहिए.


इसके अलावा एम पी जे ने लॉकडाउन के दौरान राहत तथा जन कल्याण कार्यों के लिए प्रदेश सरकार को अपनी सेवाएँ भी पेश की हैं.  

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