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एम पी जे का राज्यव्यापी “बंधुता अभियान” व्यक्ति की गरिमा को समझने और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता को सबल बनाने के संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन की अपील के साथ संपन्न


मुंबई: आज मुव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस फॉर वेलफेयर (एम पी जे) का राज्यव्यापी बंधुता अभियान संपन्न हो गया। उल्लेखनीय है कि, एम पी जे का बंधुता अभियान 17 नवम्बर 2018 को आरंभ हुआ था जो आज संविधान दिवस अर्थात 26 नवम्बर 2018 को समाप्त हुआ।

मीडिया से बात करते हुए संगठन के महासचिव अफ़सर उस्मानी ने कहा कि, इस अभियान का उद्देश्य भारत के संवैधानिक विचार को बढ़ावा देना था, जो अपने सभी नागरिकों को व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली, बंधुता बढ़ाने के लिए कार्य करने का न केवल अवसर प्रदान करता है, बल्कि इसे देश के हर नागरिक का मौलिक कर्त्तव्य बताता है। उन्होंने कहा कि, हमारा संविधान हमें इज्ज़त के साथ ज़िन्दगी जीने की गारंटी देता है, किन्तु आज देश की एक बड़ी आबादी ग़रीबी की ज़िन्दगी बसर करने को मजबूर है। देश की आधी से ज़्यादा दौलत पर देश की कुल जनसँख्या के सिर्फ एक प्रतिशत लोग ही क़ब्ज़ा किए बैठा है। उन्हों ने कहा कि, जहाँ हमें संविधान एक गरिमा वाली ज़िन्दगी जीने की गारंटी देता है, वहीँ हमें समाज में ऐसे बंधुत्व को बढ़ावा देने के लिए कहता है, जिसमें सब से पहले एक व्यक्ति की गरिमा को महत्वपूर्ण समझा जाए। आपस में हर नागरिक भावनात्मक रूप से जुड़कर एक दुसरे को भाई समझे, तभी देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित होगी।

इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष, मुहम्मद सिराज ने कहा कि, आज एक समावेशी और लोकतांत्रिक भारत के अवधारणा पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। हमारे देश में सामाजिक और आर्थिक असमानताएं घटने के बजाए बढ़ती ही जा रही हैं। हमारा यह बंधुता अभियान देश के नागरिकों को ज़रूर उसके उन संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा, जो देश में आपसी भाईचारे और समरसता का निर्माण करने हेतु कार्य करने को हर नागरिक का मौलिक कर्तव्य बताता है।

संगठन के उपाध्यक्ष रमेश कदम ने कहा कि, देश में संविधान के प्रति लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है, जब तक लोगों को उनके अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में पता नहीं चलेगा, तब तक देश में गरिमापूर्ण ज़िन्दगी जीने का सपना पूरा नहीं हो सकेगा।

इस अभियान के तहत सार्वजानिक सभा, वर्कशॉप, सेमिनार,संविधान रैली और शैक्षिक संस्थानों में संवैधानिक मूल्यों पर व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसका समाज के हर वर्ग ने स्वागत किया।


 अकोला






लातूर 









यवतमाल








जलगाँव 



   





मुंबई 


ठाणे 





पुणे 



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मीडिया कवरेज












विडियो

            

      
             

             

एमपीजे का बंधुता अभियान आज से शुरू- संविधान दिवस के दिन होगा समापन




एमपीजे ने समाज में बंधुता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक राज्यव्यापी स्तर पर अभियान शुरू किया है। इस बंधुता अभियान का उद्देश्य, “भारत के संवैधानिक विचार को बढ़ावा देना है, जो अपने सभी नागरिकों को व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली, बंधुता बढ़ाने के लिए कार्य करने का अवसर प्रदान करता है। यह अभियान 17 नवम्बर 2018 को शुरू हुआ, जो 26 नवम्बर 2018 तक चलेगा इस अभियान के तहत सामाजिक संवाद, वर्कशॉप, सेमिनार, निबंध और भाषण प्रतियोगिता, ड्राइंग,नाटकीय कार्य, अभियान साहित्य का वितरण, युवा तथा सम्मेलन इत्यादि आयोजित कर के अभियान का सन्देश लोगों तक पहुँचाने का कार्य किया जायेगा।

गौर तलब है कि, संविधान हर व्यक्ति को गरिमापूर्ण आर्थात इज्ज़त वाली ज़िन्दगी जीने की गारंटी देता है। किन्तु दुर्भाग्यवश नागरिकों के जीवन स्तर में दिनोंदिन गिरावट ही हो रही है। लोग भूख से मर रहे हैं। सरकारी स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। धर्म, जाति, भाषा और प्रान्त के नाम पर हिंसा हो रही है।  देश के नागरिकों की पहचान धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्रीयता के बुनियाद पर बन गई है। देश में या तो हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाइ दिखता है या फिर गुजराती, पंजाबी, बिहारी, बंगाली या मराठी। भारतीयता कहीं खोती जा रही है। देश के नागरिकों के बीच सामाजिक भेदभाव के अलावा आर्थिक विषमताएं भी चिंताजनक स्थिति में पहुँच गई हैं।   

संगठन के महासचिव अफसर उस्मानी का कहना है कि, इस अभियान से नागरिक बंधुता के संवैधानिक मूल्यों और अहमियत से अवगत होंगे, देश के चहुमुखी विकास के लिए शांति, एकता और सौहाद्र की बुनियादी ज़रुरत के महत्त्व को समझ सकेंगे, व्यक्तियों और समुदायों के बीच आपसी सहयोग के माध्यम से एक समग्र, मानवीय और स्थायी विकास के संदर्भ में शांति, मानव अधिकार और लोकतंत्र के मूल्यों से लोग अवगत हो सकेंगे तथा नागरिकों के बीच समता एवं न्याय पर आधारित  लोकतांत्रिक समाज की स्थापना की समझ पैदा होगी। 












एम् पी जे के संविधान दिवस पर मीडिया कवरेज

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