मुंबई:
गरीब जनता ने 17 दिसम्बर को गोवंडी राशन
कार्यालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दूकानों से केरोसिन के वितरण को रोक दिए
जाने के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. उल्लेखनीय है कि सरकार ने चूल्हा
मुक्त महाराष्ट्र-धुआं मुक्त महाराष्ट्र योजना के तहत खाद्य सुरक्षा कानून के
लाभार्थी सभी राशन कार्ड धारकों को घरेलू एलपीजी गैस देने का फैसला किया है.
किन्तु सरकार ने इस योजना पर 100
प्रतिशत कार्यान्वयन होने से पहले ही राशन की दुकान से मिट्टी के तेल के वितरण को
बंद कर दिया है. लोगों के पास न तो खाना
पकाने के लिए गैस है और न ही राशन की दूकान से उन्हें केरोसिन मिल रहा है. खुले
बाज़ार में 80 रूपए प्रति लीटर की दर से केरोसिन बिक रहा है, जो गरीबों की पहुंच से
बाहर है. जिसके कारण गरीब लोग भूखमरी का शिकार हैं.
जन कल्याणार्थ, मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर (MPJ)
ने 17 दिसम्बर को महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि, जब तक चूल्हा मुक्त
महाराष्ट्र-धुआं मुक्त महाराष्ट्र योजना के तहत सभी लोगों को एलपीजी गैस उपलब्ध
नहीं करा दी जाती है, तब तक खाद्य सुरक्षा क़ानून से लाभ पाने के पात्र सभी राशन
कार्ड धारकों को राशन की दुकान से केरोसिन मिलना चाहिए.
17
दिसम्बर को एमपीजे के नेतृत्व में जन
अधिकार परिषद के बैनर तले बड़ी तादाद में ग़रीब जनता ने केरोसिन बंद करने के ख़िलाफ़ गोवंडी
राशन कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया और राशन अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर जन
वितरण प्रणाली के अंतर्गत मिट्टी के तेल सस्ते दरों पर उपलब्ध कराने की मांग
की. राशन अधिकारी ने जन अधिकार परिषद के
डेलीगेशन से लोगों को राशन की दूकान से केरोसिन दिए जाने का भरोसा दिलाया.
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