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An Interview With Dr. Abhay Shukla on Health Issues

मालेगांव में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर एक कंसल्टेशन मीटिंग का आयोजन



मुव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस फॉर वेलफेयर ने मालेगांव में स्थानीय नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर एक कंसल्टेशन मीटिंग का आयोजन किया. इस मीटिंग में बड़ी संख्या में आम जन से लेकर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की डिलीवरी के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारीगण शामिल हुए. इनके अलावा इस मीटिंग में स्वास्थ्य क्षेत्र के अनेक एक्सपर्ट की भी भागीदारी रही.

समस्त उपस्थित लोगों ने नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर विचार विमर्श कर के इसके निदान हेतु अपने बहुमूल्य परामर्श देकर समस्याओं को हल करने के लिए एक अच्छा प्रयास किया.

इस अवसर पर ऑक्यूपेशनल हेल्थ, जो लोगों के पेशे  के साथ जुड़ा हुआ है पर चर्चा करते हुए मालेगाव नगर निगम के टीबी विभाग के रिटायर्ड इंचार्ज डॉ. हुसनुद्दीन शेख ने मालेगाँव में बुनकर समुदाय के लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं पर सविस्तार चर्चा की. महिला एवं बाल स्वास्थ्य देखभाल जैसे मुद्दे पर मोहम्मदिया तिब्बिया कॉलेज मालेगाँव की प्रिंसिपल डॉक्टर शाहिदा परवीन रहमानी ने अपनी बात रखी. पब्लिक हेल्थ सिस्टम में दवाओं की उपलब्धता पर फार्मेसी कॉलेज मालेगाँव के प्रिंसिपल डॉ. नसीम कुरैशी ने न केवल लोगों का मार्गदर्शन किया बल्कि इस मुद्दे पर अपनी राय भी रखी.

शहर के मशहूर फिजीशियन डॉ. संजय शाह ने एडिक्शन अर्थात नशे की लत पर अपने ख्यालात का इजहार किया, जबकि फार्मेसी कॉलेज, कलवन के प्रोफेसर डॉ. ज़की इक़बाल ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना पर चर्चा किया.

पब्लिक हेल्थ सिस्टम में पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता पर सिविल हॉस्पिटल मालेगाव की नर्सिंग इंचार्ज डॉ. अल्का पवार ने अपने विचार प्रस्तुत किए. नर्सिंग कॉलेज की डॉ. (श्रीमती) नेत्कर ने भी अपने विचार प्रकट किये.

सरकारी सेवाओं के क्रियान्वयन पर मालेगांव के एडिशनल सिविल सर्जन डॉक्टर मोमिन अनीस ने अपनी बात रखी. मालेगांव में महिला आरोग्य समिति हेतु चुनौतियाँ विषय पर एमपीजे मालेगाव की जॉइंट सेक्रेटरी डॉक्टर शकीला सय्यद ने मार्गदर्शन प्रदान किया. एमपीजे महाराष्ट्र के एग्जीक्यूटिव काउंसिल सदस्य मोहम्मद अनीस ने नेशनल हेल्थ मिशन का परिचय कराया और इसके सफल कार्यान्वयन हेतु अपनी राय दी.


इस अवसर पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु एमपीजे ने एक योजना बनाई. यह एक कामयाब कंसल्टेशन मीटिंग थी और इस मीटिंग से प्राप्त नतीजों पर विचार विमर्श के बाद एमपीजे राज्य में स्वास्थ्य सेवा की सफल डिलीवरी हेतु एक मुहिम चलाएगी.







प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लाभ से बड़ी तादाद में गर्भवती महिलाएं वंचित- एम पी जे




नागपुर:  भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत की है, जिसका मक़सद गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण उपलब्ध कराना है. यूँ तो प्रदेश में वर्ष 2014 से ही अन्न सुरक्षा कानून लागू है. उक्त कानुन में भी गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण के लिए 6000/- बतौर अनुदान देने का प्रावधान है. अब वही लाभ केन्द सरकार ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को देने की योजना शुरू की है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में यह लाभ समस्त ज़रूरतमंदों को नहीं मिल रहा है. इस योजना के लाभ से बड़ी तादाद में पात्र महिलाएं वंचित हैं, जिनमें नागपुर शहर की पात्र महिलाएं भी शामिल हैं.

प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत वंचितों को उसका हक़ दिलाने के लिए मुव्हमेन्ट फ़ॉर पीस एन्ड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर ने एक राज्यव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत एमपीजे नागपुर की टीम ने नागपुर के जिलाधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी तथा नागपुर महानगर पालिका के उच्च अधिकारीयों से मीटिंग्स कर के ज़िले में उक्त योजना के सफ़ल कार्यान्वयन हेतु सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं. उपरोक्त अधिकारीयों से बैठक करने के पश्चात् एमपीजे के शिष्टमंडल को पता चला कि, नागपुर ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना पर कार्य शुरू हो चुका है और इस योजना के कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी आशा वर्कर को सौंपी गई है. किन्तु ज़िले के शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन निकायों द्वारा डाटा संकलन करने का कार्य शुरू किया जा रहा है. यही वजह है कि अभी पात्र गर्भवती महिलाओं को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह योजना नागपुर के शहरी इलाक़ों में कब शुरू होगी, इसके बारे में जानकारी देने में सम्बंधित अधिकारियों ने असमर्थता जताई.

महाराष्ट्र सरकार के उक्त उच्च अधिकारीयों से मिलने गए शिष्टमंडल में एमपीजे महाराष्ट्र महिला विंग की सचिव डॉ. तस्नीम बानो, नागपुर जिलाध्यक्ष शकील मोहम्मदी, मध्य नागपुर (शहर) अध्यक्ष एहतशाम, नागपुर ज़िला मीडिया सेक्रेटरी राजेश बांगर, श्रीमती रिज़वाना, श्रीमती रूबीना शामिल थे.  


एमपीजे उक्त योजना को समुचित ढंग से कार्यान्वयनित करने हेतु जल्द ही एक राज्य व्यापी आन्दोलन शुरू करेगी. 

एम् पी जे का आन्दोलन रंग लाया-- शुरू हुआ नांदेड़ जिला स्थित हैदरबाग़ अस्पताल




अन्त्ततः एम् पी जे की मेहनत रंग लाई और महाराष्ट्र प्रदेश के नांदेड़ जिला स्थित हैदरबाग़ अस्पताल का उद्घाटन करने को प्रशासन मजबूर हो गयी! दरअसल वर्ष 2015 में प्रदेश के  जन आन्दोलन मोव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस फॉर वेलफेयर (एम् पी जे) ने सब को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए सब के लिए स्वास्थ्यनामक एक राज्यव्यापी आन्दोलन चलाया था, जिसका फोकस सरकारी अस्पताल विशेषतः प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थे! इस अभियान के तहत राज्य स्तर पर सरकारी स्वास्थ्य सेवा का निरिक्षण एवं सर्वेक्षण किया गया! इन सेवाओं में जो कमी पायी गयी, उस से राज्य के उच्च  अधिकारीयों को अवगत कराया गया तथा आम जन को भी उनके स्वास्थ्य सम्बंधित अधिकार एवं सरकारी व्यवस्था को ले कर जागृत करने का प्रयास किया गया! इस अभियान के तहत सरकारी अस्पतालों के सर्वेक्षण के नतीजे में नांदेड़ जिले के हैदर बाग़ अस्पताल की बड़ी ही दिलचस्प मगर दुर्भाग्यपूर्ण कहानी पहली बार लोगों के सामने आई!

एम् पी जे कार्यकर्ताओं द्वारा स्वास्थ्य अभियान के तहत किये गए सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के सर्वे के नतीजे में यह बात सामने आई कि, स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की ग़र्ज़ से, वर्ष 2008 में ही हैदरबाग़ में एक नए सरकारी अस्पताल भवन का निर्माण कर लिया गया था, किन्तु अब तक अस्पताल चालू नहीं हो सका! जनता की खून पसीने की गाढ़ी कमाई से बने, हैदर बाग़ अस्पताल से आमजन को लाभ पहुंचना तो दूर, इस पर किसका क़ब्ज़ा है, इसी को लेकर भ्रम बना हुआ था! नगर निगम से लेकर राज्यसरकार के आला अधिकारयों एवं मुख्य मंत्री तक को, एम् पी जे द्वारा दर्जनों ज्ञापन सौंपे गए, मगर कोई लाभ नहीं हुआ! 

एम् पी जे हैदरबाग़ अस्पताल के मुद्दे को स्थानीय लोगों के साथ-साथ राजनितिक हल्क़े में भी ले जाती रही और सत्ताधारी राजनीतिज्ञों से लेकर विपक्ष तक के नेताओं को हैदरबाग़ अस्पताल शुरू करने की गुहार लगाती रही!

अंत में एम् पी जे अदालत का दरवाज़ा खटखटाने को मजबूर हुई तथा माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने एम् पी जे की अस्पताल से सम्बन्धीत जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए, सम्बंधित पक्षों को नोटिस जारी किया! अदालत में भी गुमराह करने वाली बातें कही गयी! अदालत के रुख़, सामने नगर-निगम के चुनाव और जनता के आक्रोश ने इस अस्पताल के उदघाटन का मार्ग प्रशस्त कर ही दिया और नगर-निगम द्वारा पुरे सरकारी जोश-खरोश के साथ 18 अगस्त 2017 को 30 बेडों की सुविधा के साथ इस अस्पताल का उदघाटन कर दिया गया!

एम् पी जे अस्पताल शुरू करने के लिए सम्बंधित संगठन/विभाग का आभारी है, किन्तु एम् पी जे की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है! एम् पी जे का लक्ष्य 100 बेड की सुविधा उपलब्ध करवाना है!















स्वास्थ्य: एम् पी जे द्वारा भिवंडी में महिला आरोग्य समिति के गठन पर कार्यशाला का आयोजन

भिवंडी: एम् पी जे ने भिवंडी में स्वास्थ्य के मुद्दे पर स्थानीय महिलाओं को जागृत करने के लिए शहर में दो कार्यशालाओं का आयोजन किया! इन कार्यशालाओं में महिलाओं को स्वास्थ्य सम्बन्धी उनके अधिकार एवं जिम्मेदारियों से आगाह कराया गया! इन कार्यशालाओं में अच्छी खासी तादाद में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करके स्पष्ट कर दिया कि, अब वह अपने अधिकार को समझ चुकी हैं और इसे हासिल करने की दिशा में क़दम उठाने को तैयार हैं!  स्थानीय महिलाओं को एम् पी जे ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में महिला आरोग्य समितियों के गठन करने के तालुक़ से आवश्यक जानकारी प्रदान की। इस आरोग्य समिति के गठन के पीछे मक़सद स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक कर महिलाओं को सशक्त बनाना है!


गौर तलब है कि, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में स्लम बस्ती और शहरी ग़रीबों की स्वास्थ्य सेवाओं में

व्यापक सुधार के मद्दे नज़र गठित किए जाने वाले प्रत्येक महिला आरोग्य समिति में दस से बारह जागरूक महिलाएं होंगी, जो आशा के सहयोग से अपने कार्यों को निष्पादित करेंगी!प्रत्येक आशा के ज़िम्मे तक़रीबन दस से बारह समितियों की देखरेख एवं संचालन की जिम्मेदारी होगी!  

नांदेड़ ज़िला के हैदरबाग़ अस्पताल को शुरू करने के लिए एम् पी जे ने लगाई अदालत से गुहार

मुंबई- महाराष्ट्र के नांदेड ज़िला स्थित तक़रीबन दो लाख की घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र हैदरबाग़ में वर्ष २००८ में करोड़ों रूपए की लागत से बनकर बेकार पड़े अस्पातल को शुरू कराने के लिए अब न्यायालय से गुहार लगाई गई हैसर्वविदित है कि, हैदर बाग़ के दस किलोमीटर क्षेत्र के अन्दर कोई अस्पताल नहीं है और पांच किलोमीटर क्षेत्र के अन्दर कोई प्रसूति गृह या नर्सिंग होम भी नहीं है! दर असल, इलाक़े का इकलौता सरकारी ज़िला अस्पताल को शहर से हटा कर तक़रीबन १७ किलोमीटर दूर विष्णुपुरी मे उपनगरीय क्षेत्र में हस्तांतरित कर दिया गया था, जिस के कारण स्थानीय निवासियों की ज़िन्दगी अजीरण बन गयी है! उचित सार्वजानिक ट्रांसपोर्ट सुविधा होने के कारण, ग़रीब एवं असहाय लोगों की अस्पताल तक पहुँच तो नामुमकिन सी बन गयी है!

गौर तलब है कि, स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की ग़र्ज़ से, वर्ष २००८ में ही हैदरबाग़ में एक नए सरकारी अस्पताल भवन का निर्माण कर लिया गया था तथा इस अस्पताल में प्रसूति एवं महिला रोग के इलाज हेतु २५ बेड तथा ५० आई पी डी बेड्स के साथ अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की गयी थी! किन्तु, स्थानीय नागरीक आज तक इस अस्पताल के शुरू होने की राह ही देखते रहे!

लोगों की परेशानियों को देखते हुए सामाजिक आन्दोलन के रूप में विख्यात मोव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस, महाराष्ट्र की नांदेड इकाई ने हैदर बाग़ अस्पताल को चालू करने के लिए एक जन आन्दोलन किया तथा विभिन्न स्रोतों से जमा की गयी जानकारी से पता चला कि, इस नवनिर्मित अस्पताल भवन में जुलाई २०११ से एक प्रसूति गृह चलाया जा रहा है तथा आज तक इस प्रसूति गृह में मात्र १८४ नार्मल डिलीवरी हुई है तथा इस अस्पताल में सीज़ेरियन डिलीवरी की सुविधा नहीं है! नगर निगम का कहना है कि, इस अस्पताल को राज्य सरकार को सौंप दिया गया है तथा अब उसका अस्पताल पर कोई नियंत्रण नहीं है! वहीँ दूसरी ओर, सिविल सर्जन ने इस अस्पताल को राज्य सरकार को सौंपे जाने से इनकार कर रहे हैं!

जनता की खून पसीने की गाढ़ी कमाई से बने, हैदर बाग़ अस्पताल से आमजन को लाभ पहुंचना तो दूर, इस पर किसका क़ब्ज़ा है, इसी को लेकर भ्रम बना हुआ है! नगर निगम से लेकर राज्यसरकार के आला अधिकारयों एवं मुख्य मंत्री तक को, एम् पी जे द्वारा को दर्जनों ज्ञापन सौंपे गए, मगर आजतक अस्पताल पूरी तरह चालू नहीं हो पाया! अब एम् पी जे ने नयायालय की शरण ली है! माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने एम् पी जे की अस्पताल से सम्बन्धीत जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए, सम्बंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है! इस से स्थानीय लोगों में उम्मीद की नई किरण जगी है!


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